Wednesday, August 17, 2011

कुछ कविताये हमेशा प्रासंगिक होती है..नागार्जुन बाबा की कलम बोल रही है

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती ,
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती ,
गद्दारी , लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती .
बैठे बिठाये पकडे जाना बुरा तो है ,
सहमी सी चुप मै जकड़े जाना बुरा तो है ,
पर सबसे खतरनाक नहीं होती .
सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शांति से भर जाना ,
न होना तड़प का , सब कुछ सहन कर जाना ,
घर से निकलना काम पर , और काम से लौटकर घर आना ,
सबसे खतरनाक होता है ,
हमारे सपनो का मर जाना .

No comments:

Post a Comment