Monday, January 18, 2010
बासु... जाते जाते दिखा गए एक और ज्योति
ज्योति बासु चले गए पर जाते जाते अपना शारीर मेडिकल स्टुडेंट्स के शोध कार्यो हेतु दान कर उन्होंने समाज को एक नई ज्योति दिखाई कि हमारा बेजान शारीर मिट्टी में मिलने के बजाय दूसरो की बेहतर ज़िन्दगी के लिए काम आ सकता है। कामरेड बासु अपने उन सभी साथियो के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत है जो कामरेड होने का मतलब भी ठीक नहीं जान सके है । सच्चा कामरेड किस तरह अपनी हड्डियों को भी दुसरो के हित मे समर्पित कर सकता है , इसकी मिसाल है ज्योति बाबु। उनका जाना न सिर्फ वेस्ट बंगाल बल्कि पुरे देश के लिए घहरा आघात है , डीलरों के एस देश मे अब लीडरों का आकाल पड़ गया है , ऐसे समय ज्योति दा का जाना एक बड़ा शुन्य पैदा करता है। अपने जीवन को देश के लिए समर्पित करने वाले सच्चे कामरेड को मेरा लाल सलाम।
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Basu ji
ReplyDeleteAdar proon sradhanjali